Wednesday, September 10, 2008

पास आने ना दिया, दूर भी जाने न दिया

पास आने ना दिया
दूर भी जाने ना दिया
जिंदगी मिल पाई नहीं
मौत ने ठुकरा दिया

जब भी दिल उनका किया
दिल से मेरे खेल लिया - २
थक गए खेल के जब
दिल को कही फेक दिया
ये भी सोचा ही नहीं
और ना ही मुड़के देखा
कि ये सीसा - सा ये दिल
गिर के कितने टुकडे हुआ

पास आने ना दिया, दूर भी जाने न दिया ......

दिल के तुकडो को जब
हम ने फिर से जोड़ा
दिल ने तब ये पूछा
यार बता, मुझे किसने तोडा ?
मैंने जब दिल के ही
दिलबरा का नाम लिया
दिल ने अपनी हाथों से
अपने दिल को थाम लिया
पास आने ना दिया, दूर भी जाने ना दिया ........

बोला खुशनशीबी मेरी
यार के कुछ काम आया
प्यार ना मिल पाया तो क्या
नफ़रत तो मेरे नाम आया
फिर से टूटने के लिए
यार से लुटाने के लिए
दिल ने एक बार फिर
यार के घर का रुख है किया
पास आने ना दिया, दूर भी जाने ना दिया ........

पास आने ना दिया
दूर भी जाने ना दिया
जिंदगी मिल पाई नहीं
मौत ने ठुकरा दिया

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