Tuesday, August 10, 2010

हे देव!! मै मानव हूँ , कोई साधू या संत नहीं| भाग -१

तेरा नमन किया, स्मरण किया
वंदना किया, तुझे वरन किया
तेरे हर फैसले को उचित समझ
सदैव ही उसका आवरण किया

पर जब असफलता हीं
जीवन की कहानी बन जाए
जब ऐसे विपरीत दौर का
दिखता मुझे कोई अंत नहीं
फिर मै कैसे तेरा स्मरण करूँ
हे देव!! मै एक मानव हूँ , कोई साधू या संत नहीं

गर बात मुझ तक ही सिमित रहती तेरी
मै कभी भावों को मुखरित होने नहीं देता

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