आज खड़े नहीं हुए तो
लंगड़ा बन जायेगा अपना संसार
आँख वाले अन्धो को
राह दिखने आया एक “अन्ना” इसबार
बड़े जतन से बड़े लगन से
हम चुनते आये हैं आज तक अपनी सरकार
उम्मीदों के घरोंदे बनाये
पर मिला तो सिर्फ भ्रष्टाचार
बहुत पवित्र पावन था शब्द राजनीती
राजनीतिज्ञ होते है उसका जीवंत उपहार
सौप देते हैं हम देश जिन्हें
बेझिझक , बिना सोचे , एक भी बार
शर्म आ रही है आज मुझे
कैसे हो गए वो इतने बे -इज्ज़त और बेकार
इतनी सुन्दर इतने पाक जाती का
पर्याय कैसे बन गया है आज अत्याचार
उम्मीदों के घरोंदे बनाये
पर मिला तो सिर्फ भ्रष्टाचार
लोभ क्रोध और काम से ही
आज उनको है बस PYAR
COMMON WEALTH GAMES और 2G
हैं उनके CELEBRATION वाले त्यौहार
अनगिनत लूट के मेडल्स
अर्जित करना ही उनका बन गया संस्कार
PAC, JPC, CBI और CID
हैं उनके दोधारी तलबार
इनकी मदत से ही तो वो अब तक
हमको मुर्ख बनाने का करते आये है चमत्कार
उम्मीदों के घरोंदे बनाये
पर मिला तो सिर्फ भ्रष्टाचार
लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम के साथ
वो करते आये हैं वर्षो से खिलवाड़
सहन शक्ति की सीमा भी
छुट गयी है बहुत पीछे इस बार
माना की हम भी हैं दोषी इसके
पर क्या नहीं कर सकते हम अभी भूल सुधर
जागो वीर जवानों जागो
सुनो अपनी दिल की पुकार
लहू तुम्हारा क्या है नीर बन गया
क्यों नहीं रहा है वो अब भी तुम्हे ललकार
उम्मीद के घरोंदे फिर से सजायो
और प्रण लो की इस बार मिटा देंगे हम भ्रष्टाचार
--- जय हिंद
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